इससे पहले कि मैं यह कविता लिखूं , मैं वीना,वन्दना ,अन्ना ,डोर्थी ,सुशिल बाल्किवाल,मृदुला प्रधान और पटाली के प्रित अपना आभार प्रगट करना चाहूंगा जिनोंहने मेरी कविता "हंसुली जैसा चाँद "पर अपनी टिप्णियाँ भेज कर
मेरा उत्साहवर्धन किया करीब १२ दिन विदेश में रहकर लौटा हूँ इस लिए आप सभी को धनंयवाद देने में भी देरी हुई है
अब आज लिखी कविता देखें :-
सुन मेरे पारद सरीखे मन

न जाने कब मुझे
पगडंडियों ने
ला धकेला राजपथ पर
और तब से अनवरत
मैं चल रहा हूँ अनमना सा
तप्त डाबर कि सड़क पर

अंतर नहीं कोई यहाँ
अंधेरों में उजालों में
यहाँ हर शाम रूमानी
टकरते जाम प्यालों में
कान फोडू बेसुरा संगीत
कोई सुर न कोई ताल
न कोई है अदब कायदा
बस, डगमगाती बेतुकी सी चाल
इससे पहले
कि ये मंज़र मुझे डस ले
ए मेरे छलनी हुए मन लौट चल
तू फिर उनींह pagdandion पर

यहाँ हर आदमी
जो दिखता है नहीं होता
जो होता है नहीं दिखता
और प्यार कि पाकर छुवन वह
मुंह छिपाकर खूब रोता
जब कभी वह सभ्य दिखता है
तो लगता देवता का रूप
कभी वह छाँव ममता कि
कभी वह क्रूरता कि धूप
न जाने क्यों हमें लगता
कि हम यहाँ आकर बने है
टांड पर ताले लगे संदूक
इससे पहले
कि ये ताले खुलें
और अंतस में बसे
सीधे सरल से भाव हों कलुषित
सुन मेरे पारद सरीखे मन
लोट चल तू फिर उसी परिवेश में
तीर नदिया के जहां पर
नृत्य करते मोर
स्वर्ण की चादर लपेटे
धीरे ,बहुत धीरे सरकती भोर
और सारस ताल में डुबकी लगाकर
आ किनारे फडफडाते पर
बी एल गौड़

4 टिप्पणियाँ:

बहुत बढ़िया कविता ....अंतर्मन के सुंदर भाव ....
आपको सतत लेखन की शुभकामनायें

बहुत गहरी रचना है ... इस राजपथ ने हमें सब कुछ दिया .. पर मन आज भी उम पगडंडियों को खोज रहा है ... जो कहीं बहुत पीछे छूट गयीं हैं ...शुभकामनायें

आपके व्लाग पर पहली बार आया हूँ खुबसूरत रचना पढने को मिली शुभकामनायें

बेनामी ने कहा… 19 मई 2011, 11:40:00 pm  

Respacted Sir

Charansparsh Sweekaar karen.

Bah kya kahne hai. Aap ki kavita pad kar mere vichar badal gaye. Ajj-Kal ke Kavion ke baare men maine Kuchh lines likhi thin

CHUTKULON MEN JARA SA SUDHAR KEEJIYE
BANA INHEN KAVITA VYAPAAR KEEJIYE
AUR ISTAR MEN GIRAVAT KE DOSHI PAARKHI BHI HAI
MAPDAND ITNE KYON UDAAR KEEJIYE

Pagdandi ki khusbu mahsoos ki is Rachna men

Bahut-Bahut Badhai

Regards

DHARMESH CHATURVEDI
1304, GAUR GANGA-1
SECT-4, VAISHALI
GHAZIABAD.
Mob.9999998135

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