कैसे कहें अलविदा तुझको
गान - विदाई गायें कैसे
कुछ मनसूबे जनमे तुझमे
कुछ यादों ने ली अंगडाई
कितने स्वप्न चुराय तूने
कितनी याद किसी की आई
कभी हँसे हम पूरे खुल कर
कभी फूटकर बही रुलाई
छीने जो मनसूबे तूने
उनकी याद भुलाएं कैसे
अब नव वर्ष खड़ा दरवाजे
लोग खड़े ले गाजे बाजे
कुछ ने खुद को खूब सजाकर
अपने दोनों नयना आंजे
नई किरण आवाज दे रही
बुला रहा है नया सवेरा
नई दुलहनिया घर आई है
स्वागत - पर्व मनाएं कैसे ।
प्रस्तुतकर्ता
बी. एल. गौड़
1 टिप्पणियाँ:
सुन्दर भाव!!
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